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बहन की टाइट बूब्स को ढीला कर दिया

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ये एक भाई बहन की सेक्स स्टोरी है. मेरे मस्ताराम डॉट नेट के प्रिय पाठको अगर आप सभी को रिश्तो में चुदाई की कहानिया नहीं पसंद जो आप कृपया करके ये कहानी न पढ़े.. रिश्तो में चुदाई पसंद करने वाले लोगो का स्वागत है मै आजा अपने बहन और मेरी सेक्स की कहानी बताने जा र्र्ह हूँ शुरुवात होती है मेरी बहन से.
मेरी बहन जागृति के बूब्स बहुत टाइट थे. मुझे उसका एहसास तब हुआ जब मैं जागृति को कॉलेज छोड़ने जा रहा था. मैं बाइक स्पीड में चलाता हूं, आगे रिक्शा वाले ने एकदम ब्रेक मारी तो मैंने भी अपनी ब्रेक ज़ोर से दबाई, जागृति मेरे से चिपक गई उसके दोनों बूब्स से मेरी पीठ से दब गए. मैं तो मन ही मन खुश हो गया, वह काफी कड़क थे. वह बोली देख के चलाओ, उस के बाद मुझ से रहा नहीं गया और रास्ते में तीन चार बार मेरे ब्रेक लगाए हर बार उसके बूब्स मेरी पीठ को छू लेते थे.
वह कॉलेज पहुंच कर बोली आप बहुत खराब बाइक चलाते हो, बाद में मैं जब भी उस को बाइक पर बिठाता था तो गढ्ढे वाले रास्ते पर ले जाता था, कि उस के बूब्स मेरी पीठ को छुए और ब्रेक मारता, वाह क्या फीलिंग थी.
समर वेकेशन चल रहा था. पापा और मम्मी बाहर एक विक के लिए घूमने जा रहे थे. घर पर मैं और जागृति अकेले थे. जिस दिन मेरे पैरेंट्स गये उस दिन शाम को मैं जागृति को शॉपिंग कराने ले गया. वह बोली मैं ड्रेस ले लूं. मैंने कहा तुम्हें जींस बहुत अच्छा लगता है. तो उस ने ब्लू टॉप और टाइट जींस ले ली. मैं उसे चोदना चाहता था. मैंने एक प्लान बनाया घर पर खाना खाने के बाद मैंने उससे बोला कि कल रिवर में नहाने के लिए चलते है, वह बोली ठीक है. वह बाद में अपने रूम में सोने चली गई. मैं मेडिकल स्टोर पर गया और मैनफोर्स कंडोम का एक पैकेट ले लिया. मैं रात को फिर अपनी मुठ मार कर सो गया.
वह सुबह जल्दी उठ गई और बोली चलो जाना नहीं है क्या? मैं बोला तैयार हो जाओ, चलते हैं. मैंने बोला कल जो शॉपिंग की वही पहन लो. उस ने वह पहन लिया, वह मस्त पटाखा लग रही थी. वह जब चलती तो उसकी गांड मस्त मटकती, मैं और वह कार लेकर निकल पड़े. पहले होटल में लंच किया और बाद में बिल्कुल पास में कार पार्क कर दी.
मैंने उसे बोला चेंज कर लो, नहाने के लिए, वह बोली खुले में कैसे? मैंने बोला यहां पर मेरे अलावा कोई और नहीं है, बदलो. वह बोली ठीक है. मैंने तो सारे कपड़े उतार दिए सिर्फ अंडरवेअर पहना था. रिवर के आसपास कोई दूर तक नहीं दिख रहा था. दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पे पढ़ रहे है ।
जागृति ने भी चेंज कर लिया, फिर हम दोनों रिवर के अंदर नहाने लगे, मैं मस्ती करने लगा. मैंने अपना हाथ उसके बूब्स पर रख दिया, वह पहले तो मना कर रही थी कि ऐसा मत करो. बाद में मैंने दोनों हाथ उस के बूब्स पर रख कर दबाने लगा, क्या कडक बूब्स थे, वह भी मोनिंग करने लगी. बाद में मैंने उस की टॉप उतार दी. फिर ब्रा के अंदर हाथ डाल कर बूब्स दबाने लगा. उसके बूब्स काफी कडक थे, इससे पहले किसी ने दबाया नहीं था. बाद में मैंने उसकी ब्रा उतार दी. उसके निप्प्ल्स बड़े और ब्लैक से थे. मैंने उसको भी जोर से दबाया उसके बूब्स को ऊपर नीचे करने लगा.
बाद में उसे रिवर के बाहर ले आया, और मेरा बडा लंड निकाल कर उस के मुंह में दे दिया, वह उसे चूसने लगी. लगभग ३० मिनट तक मुह में चुसा. बाद में मैंने कंडोम पहना और लंड उसकी चूत में डाल दिया. वह जोर से चिल्लाई लेकिन बाद में उसे भी मजा आने लगा. उसकी चूत सॉफ्ट थी. बाद में मैं कार के अंदर बैठ गया और वह मेरे ऊपर बैठ गई. मैंने उसे बहुत उछाला. उसके बूब्स ऊपर नीचे हो रहे थे. बाद में वह बोली बस अब घर पर जाने के बाद. मैंने भी लंड निकाल दिया और उसके बूब्स पर रख दिया और पूरा लंड घिस दिया. बाद में उसने और मैंने कपड़े पहन लिए और घर के लिए निकल गए.
घर पर जाने के बाद खाना खाने के बाद जब वह अपने रूम में सोने जा रही थी तब मैंने उसको पकड़ लिया और बेड पर फेंक दिया. उसने नाइटी पहन रखी थी. मैंने उसके बूब्स को नाइटी में दबाने लगा, और फिर नाइटी उतार दी. उसने ब्रा नहीं पहना था. मैंने फिर पहले एक बूब्स को खूब चूसा, बाद में दूसरे को, बाद में मेरे आगे बैठा कर एक घंटे तक उसे बहुत जोर से बूब्स दबाये. फिर मैंने उसको किस किया और अपना लंड निकाला और साइड से मुंह में डाल दिया, वह बोली बस करो मैंने कहा दिन में दो बार तो करना पड़ेगा कम से कम एक हफ्ते तक. बाद में उसकी चूत में लंड डालकर उसे हिलाने लगा. उसके बूब्स ऊपर नीचे उछल रहे थे. वह आऊ अहह औउ ओज्ज ओह्ह औउ अह्ह्ह ओह हह्ह्ह बोल रही थी. बाद में ४-५ शॉट मार कर सो गया.
सुबह उठते ही मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और उसे जोर जोर से चोदने लगा. बाद में उसे मूवी दिखाने ले गया, थिएटर में उसके बूब्स दबाए और उस दिन रात को उसको ब्रा के साथ चोदा. इसी तरह पुरे एक हफ्ते तक उसे २१ बार चोदा. जागृति के बूब्स अब पहले जैसे टाइट नहीं रहे थे, वह जब जब चलती वह थोड़ा हीलते थे. यह सब मेरा कमाल था. उसके बाद जब जब मेरे को टाइम मिला मैं उसे चोद देता.
उस हफ्ते के बाद में और जागृति जब मेरे पेरेंट्स आ गए तो मैं उसके साथ गोवा घूमने गया था. वहां पर मैंने उसको स्विमसूट दीलाया, वह बिकनी में मस्त लग रही थी बिल्कुल रंडी. मैंने उसको कमरे में ले गया और पहले किस करने के बाद मुंह में दे दिया, बाद में बिना कंडोम के उसकी गांड में डाल दिया, फिर मैंने उसे आई पिल दे दी, पहली बार मैंने उसे बिना कंडोम के चोदा होगा.

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